रद्दी व कबाड़ बेचकर सरकार ने कमाए 40 करोड़, आठ लाख वर्ग फीट जगह खाली हुई

रद्दी व कबाड़ बेचकर सरकार ने कमाए 40 करोड़, आठ लाख वर्ग फीट जगह खाली हुई

रद्दी व कबाड़ बेचकर सरकार ने कमाए 40 करोड़

रद्दी व कबाड़ बेचकर सरकार ने कमाए 40 करोड़, आठ लाख वर्ग फीट जगह खाली हुई

नई दिल्ली। आपदा को अवसर में कैसे बदलना है, ये मोदी सरकार बखूबी जानती है। कोरोना काल में यह सबने देखा। अब मोदी सरकार ने कबाड़ से ही करोड़ों रुपये का जुगाड़ कर एक बार फिर इस बात को साबित कर दिया है। कबाड़ बेचने से केंद्र सरकार को 40 करोड़ रुपये मिले हैं, और करीब आठ लाख वर्ग फुट जगह खाली हुई है।

जी हां, कबाड़ बेचकर 40 करोड़ रुपये का जुगाड़ किया गया है। सफाई और जगह को खाली कराने का यह अभियान दो अक्टूबर को छेड़ा गया था और यह 31 अक्टूबर तक चला। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने करीब एक महीने चले अभियान के बाद यह जानकारी दी है।

जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस दौरान 15,23,464 फाइलों को देखा गया। इनमें से 13,73,204 फाइलें उपयोगी पाई गईं। बाकी फाइलें नष्ट कर दी गईं या उन्हें रद्दी में बेच दिया गया। इस दौरान 3,28,234 जन शिकायतों को भी देखा-सुना गया। इनमें से 2,91,692 का निवारण किया गया। इसी दौरान 834 में से 685 नियमों का सरलीकरण किया गया। ये कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर व्यवस्था को सरल और सुचारु बनाने की योजना के तहत किए गए। इससे जन साधारण और सरकारी व्यवस्था, दोनों को लाभ होगा।

मंत्री के अनुसार, लंबित मामलों के निपटारे का खास अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर चलाया गया है और अब इसी हफ्ते उन्‍हें एक प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट में अभियान से जुड़े सभी पहलुओं से अवगत कराया जाएगा। कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, मंत्री ने 2 अक्‍टूबर से 31 अक्‍टूबर के बीच प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DAPRG) को नोडल विभाग बनाकर भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों से लंबित मामलों को निपटाने का अभियान लांच किया था।